सामूहिक उपासना

‘‘जब हम सामूहिक उपासना करते हैं तब उपासना करनेवाले सभी के उपासना की शुभ पवित्र स्पंदनों के एकत्रित होने की वजह से हमारी प्रार्थना अनंत रूप से प्रभावी बनती है। सामूहिक उपासना से जो तेज, जो स्पंदन उत्पन्न होते हैं वे हमारे देश के लिए तथा हमारे लिए भी उपकारक ही साबित होते हैं। सामूहिक उपासना की वजह से हमारा पुण्य विभाजित नहीं होता बल्कि बढ़ता है, non-geometric पद्धति अनुसार बढता है,“ इन शब्दों में सद्‍गुरु श्री अनिरुद्ध बापूजी ने अपने प्रवचन द्वारा सामूहिक उपासना का महत्व बताया है।

सामूहिक उपासना से लाभ –

१) सामूहिक उपासना की वजह से सकारात्मक उर्जा बढ़ती है।

२) हमारे भारत देश को एक उत्तम समाज के रूप में प्रगत बनना है तो समाज में संघ भावना का होना बहुत जरूरी है और यह संघ भावना सामूहिक उपासना के जरिए उत्पन की जा सकती है, बढ़ाई जा सकती है।

३) समाजसेवा करते वक्त अहंकार निर्माण हो सकता है परंतु आम तौर पर भक्तिमार्ग में, संघ भावना में अहंकार नहीं होता।

४) सामूहिक उपासना की वजह से हमें मन की शांति मिलती है। अकेलेपन की भावना तथा भय हमारे मन को नहीं कुरेदता और हमारे मन:सामर्थ्य में वृद्धी होती है तथा हम परमेश्वर के मार्ग पर हमेशा यात्री बने रहते हैं।

५) सामूहिक उपासना की वजह से समाज में एकता की भावना, समानता की भावना विकसित होती है।

६) उचित मानसिक शक्तियों का विकास होता है, आत्मविश्वास बढ़ता है और व्यक्ति भयमुक्त जीवन जी सकता है, इसकी वजह से प्रत्येक व्यक्ति का एवं इसके फलस्वरूप समाज का तथा राष्ट्र का अध्यात्मिक एवं भावनिक विकास होता है।

श्री हरिगुरुग्राम एवं उपासना केंद्र में सामूहिक उपासना –

हर गुरुवार को श्री हरिगुरुग्राम (न्यू इंग्लिश स्कूल, बांद्रा) में सामूहिक उपासना होती है। उपासना के बाद श्रद्धावानों को सद्‍गुरु श्री अनिरुद्धजी का प्रवचन या फिर श्रद्धावानों के अनुभव परदे पर दिखाए जाते हैं। तदुपरांत सद्‍गुरु दर्शन, कृपाशिर्वाद, कृपा दृष्टि का भी लाभ मिलता है।

मुंबई और उपनगरों में, महाराष्ट्र तथा महाराष्ट्र के बाहर, इसके अलावा विदेशों में भी कई उपासना केंद्र हैं। कई जगहों पर प्रायोगिक तत्व पर उपासना केंद्र हैं तथा बहुभाषिक उपासना केंद्र भी हैं। इन उपासना केंद्रों पर हर शनिवार को सामूहिक उपासना की जाती है।

घर-घर में और पारिवारिक स्तर पर सामूहिक उपासना

किसी भी श्रद्धावान के घर पर किसी कारण एकत्रित हुए श्रद्धवान रिश्तेदार, मित्र परिवार सामूहिक उपासना कर सकते हैं। सद्‍गुरु पादुकापूजन समारोह तथा सच्चिदानंदोत्सव का एक उत्तम माध्यम सामूहिक उपासना के लिए उपलब्ध है। गुरुचरणमास, सावन, मार्गशीर्ष जैसे महीनों में सद्‍गुरु श्री अनिरुद्धजी द्वारा स्तोत्रपठन के उपक्रम दिए गए हैं। चैत्र नवरात्रि, अश्विन नवरात्रि के पावन दिनों में पूजा-पाठ, जप, स्तोत्रपठन जैसी सामूहिक उपासना श्रद्धावान एकत्रित होकर कर सकते हैं।

संस्था की ओर से मनाए जानेवाले विभिन्न उत्सवों में सामूहिक पठन आयोजित किया जाता है। सावन के महिने में सामूहिक घोरकष्टोद्‍धोरण पठन तथा गुरु़क्षेत्रम में साल में एक बार सामूहिक हनुमान चलीसा का पठन-सप्ताह श्रद्धावानों के लिए आयोजित किया जाता है। इसके अलावा सद्‍गुरु के प्रति अंबज्ञता (कृतज्ञता) व्यक्त करने के लिए श्रीहरिगुरुग्राम में ‘अनिरुद्धचलिसा’ स्तोत्र का १०८ बार अखंड सामूहिक पठन आयोजित किया जाता है।

ऑन लाईन अनिरुद्ध डॉट टीवी (www.aniruddha.tv)

सन २०१४ के गणेशोत्सव से ‘अनिरुद्ध टिवी’ (www.aniruddha.tv) का प्रसारण किया जाता है। इस वेबसाईट द्वारा अंग्रेजी सामूहिक उपासना का प्रसारण हर रविवार को सुबह १०.३० से ११.३० बजे तक किया जाता है और विश्वभर में श्रद्धावान इस ऑनलाईन उपासना का लाभ उठाते हैं।

सद्‍गुरु श्री अनिरुद्धजी श्रद्धावानों से कहते हैं, “कलियुग में ‘यज्ञेन…दानेन…तपसा’, अर्थात रामरक्षा, हनुमानचलीसा, पंचमुखहनुमानकवच मंत्र, घोरकष्टोद्‍धरण स्तोत्र, जैसे आध्यात्मिक, सामूहिक तथा व्यक्तिगत स्तोत्रपठन ही आपका यज्ञ है, यही आपका दान है और यही आपकी तपस्या है।

सामूहिक उपासना आपके दुष्प्रारब्धों का नाश करेगी तथा आपको खुशी प्रदान करेगी और आपकी यह खुशी ही मुझे आनंदित करेगी, यह निश्चित बात है।”